18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून 2024 को हुआ था। लेकिन जनता से विकास के नाम पर वोट मांगने वाले सांसदों द्वारा 31 दिसंबर 2024 तक छह माह के कार्यकाल में एक भी कार्य स्वीकृत नहीं कराया गया है। यह चौंकाने वाला खुलासा आरटीआई के तहत हुआ है।
उत्तराखंड के लोकसभा सदस्य अपनी निधि से कार्य स्वीकृत करने व पूर्ण कराने में गति नहीं ला पा रहे हैं। 18वीं लोकसभा के चुनाव के पहले वर्ष 2024 में उत्तराखंड के पांच लोकसभा सदस्यों ने अपनी सांसद निधि से कोई कार्य स्वीकृत नहीं किए। पूर्व सांसदों की दिसंबर 2024 तक केवल 58 प्रतिशत सांसद निधि ही खर्च हो सकी।
इनके 795 स्वीकृत कार्य दिसंबर 2024 तक प्रारंभ भी नहीं हुए।
सांसद निधि के नोडल विभाग ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी ने आरटीआइ कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध कराई, उसके बाद यह खुलासा हुआ है।
आरटीआइ के अनुसार 18वीं लोकसभा के किसी भी सांसद ने दिसंबर 2024 तक कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया, जबकि 17वीं लोकसभा के सांसदों ने अपने पूरे कार्यकाल में 5782 कार्य स्वीकृत किए। इनमें से दिसंबर 2024 तक 3517 कार्य पूर्ण हुए। 1470 कार्य चल रहे हैं तथा 795 कार्य प्रारंभ भी नहीं हुए हैं।
अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा
अल्मोड़ा से सांसद अजय टम्टा के 17वीं लोकसभा के कार्यकाल की 69 प्रतिशत सांसद निधि ही दिसंबर 2024 तक खर्च हो सकी है। इसमें से 1763 कार्य स्वीकृत, 701 कार्य पूर्ण व 936 कार्य प्रगति पर हैं तथा 36 कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए हैं।
हरिद्वार से वर्तमान सांसद त्रिवेंद्र
अप्रैल 2024 तक रहे सांसदों के 795 कार्य भी नहीं हो सके शुरू। ग्राम्य विकास आयुक्त कार्यालय आरटीआइ के तहत मिली सूचना
त्रिवेंद्र रावत ने अपनी पांच करोड़ की सांसद निधि से कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया है।
हरिद्वार के पूर्व सांसद डा. रमेश पोखरियाल की 50 प्रतिशत सांसद निधि ही दिसंबर 2024 तक खर्च हो सकी है। उनकी ओर से स्वीकृत 355 कार्यों में 160 पूर्ण हो चुके हैं तथा 195 प्रगति पर हैं।
पौड़ी सांसद अजय बलूनी
पौड़ी सांसद अनिल बलूनी की पांच करोड़ की सांसद निधि में से कोई कार्य स्वीकृत नहीं हुआ है। जबकि पूर्व सांसद तीरथ सिंह रावत की 38 प्रतिशत सांसद निधि ही खर्च हो सकी है। उनके द्वारा स्वीकृत कुल 986 कार्यों में से 370 पूर्ण हो चुके हैं, 166 प्रगति पर है तथा 450 कार्य प्रारंभ ही नहीं हुए हैं।
टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह
टिहरी सांसद राजलक्ष्मी ने 18वीं लोकसभा की पांच करोड़ की सांसद निधि में से कोई कार्य स्वीकृत नहीं किया है। इनके पूर्व कार्यकाल की 68 प्रतिशत निधि खर्च हुई है। इनके द्वारा 2397 कार्य स्वीकृत किए गए जिनमें से 2086 पूर्ण हो चुके हैं, चार प्रगति पर हैं तथा 307 कार्य प्रारंभ भी नहीं हुए हैं।
नैनीताल सांसद अजय भट्ट
नैनीताल सांसद अजय भट्ट के वर्तमान कार्यकाल में उपलब्ध निधि से कोई कार्य स्वीकृत वि नहीं हुआ है।
ऐसे में जनता को जागरूक होते हुए अपने द्वारा चुने गए सांसदों से प्रश्न पूछने चाहिए कि आखिर चुनाव के दौरान विकास के खोखले दावे क्यों किए गए!