रुद्रप्रयाग। बजीरा-लस्या वार्ड 8 सीट पर हो रहे उपचुनाव के दौरान रविवार को जिला पंचायत सभागार में तीखी नोक-झोंक और विवाद खड़ा हो गया। यह सीट पूर्व सदस्य विमला बुटोला के आकस्मिक निधन के बाद खाली हुई है। कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी नीलम बुटोला ने 14 नवंबर को नामांकन दाखिल किया था, जबकि निर्दलीय नीतू बुटोला ने भी अपना नामांकन जमा किया हुआ है।
शनिवार, 15 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच के बाद सम्बन्धित दस्तावेजों की सत्यता की रिपोर्ट वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई थी। रविवार सुबह कांग्रेस प्रत्याशी के मुख्य निर्वाचन अभिकर्ता नरेंद्र बिष्ट को सूचना मिली कि निर्दलीय प्रत्याशी ने नीलम के नामांकन पर आपत्ति लगाई है और उनके ओबीसी प्रमाण पत्र को फर्जी बताया गया है।जिसके कारण चुनाव चिन्ह आवंटन और नामांकन रद्द किए जाने तक की बात कही जा रही थी। इस सूचना के बाद नीलम बुटोला और उनके प्रतिनिधि जिला पंचायत सभागार पहुँचे, जहां रिटर्निंग ऑफिसर से लंबी बहस हुई और मीडिया भी जमा हो गया।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं और उनके मुख्य निर्वाचन अभिकर्ता का आरोप है कि यह कदम सत्ताधारी बीजेपी की साजिश है। उन्होंने कहा कि बीजेपी अपनी हार के डर से प्रत्यक्ष रूप से दबाव बना रही है, और कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव से दूर रखने के लिए प्रलोभन व दबाव की कोशिशें हो रही हैं। कांग्रेस का यह भी आरोप था कि कुछ नेता रिटर्निंग ऑफिसर पर दबाव बना रहे हैं।
वहीं बीजेपी जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट ने नीलम बुटोला पर 1998 का ओबीसी प्रमाण पत्र दिखाकर नामांकन कराने का आरोप लगाया और कहा कि 2014 के बाद राजपूत व सुनार जैसी जातियाँ ओबीसी में नहीं आतीं। खबर के अनुसार नायब तहसीलदार ने भी माना कि प्रमाण पत्र गलती से जारी हुआ था और उस पर कार्रवाई होगी। दोनों पक्षों की आपत्तियाँ निर्वाचन आयोग को भेज दी जाएँगी।
रिटर्निंग ऑफिसर खुशवंत सिंह चौहान ने बताया कि शिकायतों पर कार्रवाई चल रही है। फिलहाल दोनों प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह आवंटित किए जा चुके हैं और आपत्तियों की सत्यता की जांच जारी है।
कांग्रेस का आरोप है कि हार के डर से बौखलाई भाजपा बेफिजूल के आरोप लगा रही है।
बरहाल निर्वाचन आयोग द्वारा दोनों को चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है।
भाजपा समर्थित प्रत्याशी को उगता सूरज चुनाव चिन्ह, तो कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी को कप प्लेट चुनाव चिन्ह मिला है।










