उत्तराखंड के एनएच 74 घोटाले में मुख्य आरोपी रहे पीसीएस अफसर दिनेश प्रताप सिंह समेत आठ आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरोपपत्र (चार्जशीट) दाखिल कर दिया है। स्पेशल ईडी कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 नवंबर की तिथि नियत की है।
एनएच-74 घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को एक बार फिर बड़ी कार्रवाई करते हुए उत्तराखंड के कई शहरों में एक साथ छापेमारी की। ईडी की टीमें देहरादून, काशीपुर और रुद्रपुर में तड़के ही सक्रिय हो गईं और कई पूर्व व वर्तमान अफसरों के आवासों व ठिकानों पर दबिश दी गई। इसमें एक pcs अफसर भी शामिल है
जानकारी के मुताबिक, छापेमारी उन अफसरों के घरों व दफ्तरों पर की गई है, जिन पर घोटाले से संबंधित आर्थिक अनियमितताओं में शामिल होने का संदेह है। इससे पहले भी ईडी इस मामले में कई अफसरों पर कार्रवाई कर चुकी है और लाखों रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की जा चुकी है।
क्या है एनएच-74 घोटाला?
एनएच-74 हाईवे परियोजना के तहत मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया था। आरोप है कि सैकड़ों करोड़ रुपये की सरकारी राशि गलत तरीके से बांटी गई, जिसमें ज़मीन की फर्जी दरें तय कर मोटा मुआवजा दिलाया गया। इस मामले में कई राजस्व अधिकारियों, भू-माफियाओं और कुछ स्थानीय नेताओं की संलिप्तता भी सामने आई थी।
ईडी की निगरानी में बढ़ी सख्ती
प्रवर्तन निदेशालय पिछले कई महीनों से इस मामले की गहराई से जांच कर रहा है। हालिया छापेमारी उसी जांच का हिस्सा है। सूत्रों के अनुसार, ईडी को कुछ नए दस्तावेज और बैंक लेनदेन के सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर यह ताजा कार्रवाई की गई है।
छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल फोन और कंप्यूटर जब्त किए गए हैं। ईडी अफसर इनकी फॉरेंसिक जांच भी करवा सकते हैं ताकि मामले में और पुख्ता सबूत जुटाए जा सकें।
यह छापेमारी यह संकेत देती है कि एजेंसियां एनएच-74 जैसे बड़े घोटालों पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।