नैनीताल। आए दिन उत्तराखंड पुलिस बाहरी व्यक्तियों के सत्यापन में लगी रहती है, लेकिन जब कोई स्थानीय युवक अपने क्षेत्र में बाहरी फेरीवालों को आधार कार्ड दिखाने को कहे तो पुलिस द्वारा युवक को थाने लेजाकर बेरहमी से पीटा जाता है। ऐसा ही एक मामला नैनीताल जिले के ओखला कांडा से सामने आया है। जहां मनमोहन शर्मा पुत्र ज्ञानेंद्र प्रकाश ग्राम टांडा, पोस्ट सुई, थाना खनस्यू को पुलिस द्वारा बेरहमी से पीट दिया गया। मनमोहन का आरोप है कि वह शुक्रवार 20 सितंबर को अपने व्यक्तिगत कार्य से बाजार जा रहा था, इसी दौरान उसे एक फेरीवाला मिला तो उसने फेरी वाले को अपना आधार कार्ड दिखाने को कहा।
वह बिना परमिशन के क्षेत्र में फेरी का कार्य कर रहा था। इसके बाद वहां एक सब इंस्पेक्टर आए और मुझे खनस्यू थाने ले गए। जहां ले जाकर सब इंस्पेक्टर शादिक हुसैन और एक अन्य विनोद यादव पुलिसकर्मी ने मनमोहन शर्मा को बुरी तरह पीट दिया।
इस मारपीट में मनमोहन के पैर, जांघों, पीठ और हथेलियां पर बुरी तरह डंडे बरसाए गए। बुरी तरह जख्मी हुए मनमोहन ने इसकी सूचना परिजनों को दी। परिजन एवं स्थानीय लोग मनमोहन को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ओखल कांडा ले गए। जहां उपचार के बाद उसका मेडिकल बनाया गया। शनिवार 21 सितंबर को दर्जनों स्थानीय लोगों ने थाना खनस्यू का घेराव कर थाना अध्यक्ष के माध्यम से एसएसपी नैनीताल को शिकायती पत्र लिखकर मारपीट करने वाले दोषी उपनिरीक्षक शादिक हुसैन और अन्य एक पुलिसकर्मी विनोद यादव की बर्खास्तगी और घटनाक्रम की उच्च स्तरीय जांच की मांग करने लगे।
वहीं सीओ नैनीताल ने मंगलवार तक दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है तो दूसरी ओर स्थानीय ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि मंगलवार सुबह 10 बजे तक पुलिस उप निरीक्षक शादिक हुसैन और दूसरा पुलिसकर्मी बर्खास्त नहीं होते हैं तो मंगलवार को बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण महिलाओं और बच्चों सहित थाने में अनिश्चितकालीन धरना करेंगे।
बहरहाल पुलिस द्वारा युवक की बेरहमी से पिटाई को लेकर स्थानीय जनता में आक्रोश है। चंद पुलिस वाले हैं जो अपने पुलिसिया रौब के चलते मित्र पुलिस की छवि को दागदार कर रहे हैं। समय-समय पर इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई भी होती है, लेकिन फिर भी आए दिन पुलिस कर्मियों की इस प्रकार की शिकायतें आती रहती हैं।