हल्द्वानी। विजिलेंस के गिरफ्त में आए रिश्वतखोर केलाखेड़ा नगर पंचायत के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड से भी दंडित किया है। जमीन पर निर्माण की अनुमति के एवज में नगर पंचायत के ईओ को विजिलेंस ने रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। हालांकि, पीड़ित को न्याय के लिए 13 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, प्रथम/विशेष न्यायाधीश, भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी सविता चमोली ने रिश्वतखोर नगर पंचायत अधिकारी को 3 साल सजा के साथ 20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। पीड़ित की शिकायत पर तत्कालीन नगर पंचायत अधिकारी को जाल बिछाकर विजिलेंस ने गिरफ्तार किया था
तत्कालीन नगर पंचायत के ईओ ने मांगी थी 20 हजार रुपए की रिश्वत
विजिलेंस के मुताबिक, शिकायतकर्ता के पास उधम सिंह नगर के केलाखेड़ा में एक बीघा 13 विस्वा जमीन थी। जिस पर निर्माण के लिए नगर पंचायत से अनुमति लेनी थी। बीती 26 अप्रैल 2012 को शिकायतकर्ता जब ईओ के कार्यालय पहुंचे तो उन्हें बिना रिश्वत के कार्य स्वीकृत न करने की बात कही गई। इसके एवज में 20 हजार रुपए की डिमांड की गई।
वहीं, पीड़ित ने इसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी। शिकायत मिलने पर सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक तिलक राम वर्मा के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच की जांच में पाया गया कि ईओ संजीव मेहरोत्रा बार-बार पैसे की मांग कर रहा। इसके लिए वो शिकायतकर्ता पर दबाव डाल रहा था