रिपोर्ट-दयाशंकर मिश्र
लंबे समय से स्वतंत्र लिखने वाले पत्रकारों पर सरकारी कार्यवाही होना कोई नई बात नहीं है। इसी कड़ी में एक अखबार के संपादक को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किया गया है।
टाप अखबार गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। बाहुबली शाह के भाई श्रेयांश को लेकर भी चर्चाएं थीं कि उन्हें अरेस्ट किया गया है लेकिन अभी अभी पता चला है कि वो बाहर हैं।
गुजरात समाचार काफी समय से भाजपा व मोदी को लेकर आलोचनात्मक खबरें कर रहा था। अखबार के इस तेवर को लेकर डबल इंजन सरकार खुश नहीं थी।
गुजरात समाचार पर ED और इनकम टैक्स विभाग के छापे की ख़बरें मीडिया से गायब हैं। गुजरात समाचार, गुजरात (देश में पत्रकारिता के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण राज्य) में सरकार की स्पष्ट, नियमित आलोचना करने वाला प्रमुख और संभवत; एकमात्र मीडिया समूह है।
कोरोना के दौरान भी अपने कवरेज के लिए अख़बार सरकार के निशाने पर रहा। किसी अख़बार या चैनल पर ED कार्रवाई का मतलब है; उसने सरकार से सवाल पूछे हैं।
नोएडा के किसी बड़े चैनल पर आज तक ED नहीं पहुँची, वहाँ कैसी पत्रकारिता हो रही है आप समझ सकते हैं।
गुजरात समाचार ने सरकार से आम खाने का तरीक़ा नहीं जानना चाहा। नींद के घंटे नहीं पूछे। ED के दमनकारी रवैये पर सुप्रीम कोर्ट लगातार टिप्पणियाँ कर रहा है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और दिशा निर्देश का पालन करते हुए ED नज़र नहीं आती।
मीडिया के दमन के ख़िलाफ़ राजनीतिक दलों भी को आवाज़ देने करने की ज़रूरत है।
देश में मोदी सरकार और BJP सरकार की आलोचना करने वाले विलुप्त होते संस्थानों के साथ खड़े होकर ही लोकतंत्र की लड़ाई लड़ी जा सकती है। इस तरह की कार्रवाई, मीडिया संस्थानों को डराने और उनकी औक़ात बताने के लिए नियमित अंतराल पर की जा रही है।
गुजरात समाचार के मालिक बाहुबली शाह की गिरफ़्तारी के बाद, मैनेजिंग एडिटर श्रेयांश शाह ने कहा है; ‘हमारा संघर्ष जारी रहेगा ‘।