राज्य स्थापना दिवस के नाम पर ढोल नगाड़े पीटने वाले नेताओं ने अतिथि शिक्षकों के लिए कोई स्थाई नीति नहीं बनाई है, जिसके चलते एक महिला शिक्षिका को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा है।
आंदोलनरत एक महिला शिक्षिका ने आत्महत्या कर ली है। पारिवारिक कारण हो या फिर विभागीय दोनों जगह अतिथि शिक्षक मानसिक उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं।
इसके बाद शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
बारिश का ऐप बनाने वाले धन सिंह रावत के विभाग में एक शिक्षिका ने आत्महत्या की है।
सवाल उठता है कि उत्तराखंड का ‘संविधान’ राज्य स्थापना दिवस पर पढ़ने वाले पढ़े-लिखे मंत्रियों और नेताओं को देहरादून में दीप प्रज्वलित करने वाले अतिथि शिक्षकों के घरों में बुझते हुए चिराग नहीं दिख रहे हैं।
उत्तराखंड के बागेश्वर जिले की एक शिक्षिका जो कि इंटर कालेज में अतिथि शिक्षिका पर तैनात थी। फंदा लगा कर जान दे दी, इस घटना में उसकी मृत्यु हो गई है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर कर पोस्टमार्टम किया।
हंसा पांडे वर्तमान में राजकीय बालिका इंटर कालेज बागेश्वर में अतिथि अध्यापिका के पद पर कार्यरत थीं। स्वजन ने उन्हें कमरे में फंदे पर लटका देखा, जिसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। हालांकि आत्महत्या के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
यहां बता दे कि लंबे समय से अतिथि शिक्षक अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, हालांकि महिला शिक्षिका के मृत्यु का कारण नहीं पता चल सका है, लेकिन अतिथि शिक्षकों के साथ जो अन्याय हो रहा है उसको लेकर संगठनों में काफी आक्रोश है।
‘धाकड़ धामी’ दुखद घटना को लेकर क्या कार्रवाई करते हैं, यह जनता और अतिथि शिक्षक सब जानते हैं!









