उत्तराखंड की जीरो टोलरेंस वाली धामी सरकार ने एक और जिला पंचायत अध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। गढ़वाल कमिश्नर की जांच पूरी होने के बाद शासन ने चमोली जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ जांच की कार्रवाई को बढ़ाने हेतु उनको 15 दिन का नोटिस भेज कर जवाब मांगा है। आगे की कार्यवाही रजनी भंडारी के जवाब मिलने के बाद ही की जाएगी। यहां यह भी बता दें कि चमोली की जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी पर वर्ष 2012-13 की नंदा देवी राजजात यात्रा के दौरान टेंडर प्रक्रियाओं में अनियमितता का आरोप है। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल में न्यूनतम बोली लगाने वाले निविदादाता को अनुबंध ना देकर उच्च बोली लगाने वाले निविदादाता को चयनित किया और अनुबंधित किया था। स्थानीय लोगों की शिकायत पर शासन ने गढ़वाल कमिश्नर को जांच के आदेश दिए थे। कमिश्नर प्रकरण की जांच पूरी कर शासन को अपनी रिपोर्ट सौंप चुके हैं। शासन ने इस मामले में पक्ष रखने के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष को 15 दिन का समय दिया है।
नोटिस में कहा गया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष भंडारी ने प्रक्रिया का पालन न करते हुए अपारदर्शी नीति से उच्च बोलीदाता के पक्ष में निविदा स्वीकृत कर अपने पद के अधिकारों का दुरुपयोग किया है। वहीं कुछ कार्यों में एकमात्र निविदा ही स्वीकृत किए जाने जैसी गंभीर त्रुटियां की गई। कहा गया है कि लोक सेवक के रूप में जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने पद के कर्तव्यों व दायित्वों के अनुरूप कार्य नहीं किया। यह कृत्य गंभीर अनाचार की श्रेणी में आता है। रजनी भंडारी को नोटिस प्राप्त होने की तिथि से 15 दिन के भीतर लिखित अथवा किसी भी कार्यदिवस में शासन के समक्ष पक्ष रखने का समय दिया गया है।