हिमाचल और उत्तराखंड की पहचान देवभूमि के रूप में है। दोनों की भौगोलिक परिस्थितियां भी लगभग एक समान हैं। लेकिन विकास की दौड़ में उत्तराखंड पड़ोसी राज्य हिमाचल से बहुत आगे निकल गया है। बारी-बारी भाजपा और कांग्रेस की सरकारें रही पर हिमाचल प्रदेश विकास की दौड़ में कछुआ चाल से ही आगे बढ़ा। जबकि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था छलांग मार रही है।
दोनों पहाड़ी राज्यों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट प्रस्तुत कर दिया है। हिमाचल का राजकोषीय घाटा 6,390 करोड़ रुपये से अधिक है, जबकि उत्तराखंड में राजस्व 2585.89 करोड़ रुपये सरप्लस में है। । इसमें हिमाचल के मुकाबले उत्तराखंड ने तेजी दिखाई है। हिमाचल सरकार के बजट का आंकड़ा अभी 60 हजार करोड़ रुपये तक नहीं पहुंचा है, जबकि उत्तराखंड का बजट एक लाख करोड़ रुपये पार कर चुका है।