अक्सर देखा गया है कि चालान करते समय वाहन स्वामी और चालन करने वाले पुलिस कर्मियों के बीच में नोकझोंक और आरोप प्रत्यारोप होते रहते है। जिससे अधिकारी असमंजस में पड़ जाते हैं।चालनकर्ता के ऊपर तरह तरह के आरोप लगते रहते हैं।
साक्ष्य के अभाव में अधिकारी किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाते हैं ।इस समस्या के निपटने के लिए यातायात निदेशालय अब चालन करने वाली हर टीम को बॉडी आन कैमरा देने जा रहा है इसके बाद सीपीयू और यात्री पुलिस हर चालन कैमरे की निगरानी में करेंगे इससे अगर कोई वाहन स्वामी किसी तरह का आरोप लगाता है तो अधिकारी आसानी से सच्चाई का पता लगा सकेंगे।
यातायात निदेशालय रोड सेफ्टी फंड के तहत 22 लाख रुपए के 100 बाड़ी आन कैमरे खरीद रहा है । इसके लिए रोड सेफ्टी कमेटी से हरी झंडी भी मिल चुकी है,जल्दी टेंडर भी जारी कर दिए जाएंगे। प्रवर्तन टीम हर समय यह कैमरा अपने साथ रखेगी इसका जिक्र मानक परिचालन प्रकिया में भी किया गया है।
इससे पहले भी तत्कालीन पुलिस महानिदेशक बीएस सिंधु ने जब सीपीयू का गठन किया था उस समय भी कुछ बाडीआन कैमरे खरीदे गए थे। लेकिन अब अधिकतर कैमरे खराब हो चुके हैं।उनकी वीडियो की क्वालिटी भी सही नहीं है। आधुनिक तकनीकी से लैस कैमरों की वीडियो और ऑडियो क्वालिटी दोनों ही काफी अच्छी होगी।
यातायात निदेशक मुख्तार मोहसिन का कहना है कि सीपीयू का उद्देश्य सड़क सुरक्षा नियमों का सख्ती से पालन करवाना है। चालान में पारदर्शिता लाने के लिए यातायात निदेशालय रोड सेफ्टी फंड से बॉडी एंड कैमरे खरीद कर इसको प्रभावी ढंग से चलाने का कार्य करेगा।