देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(UKSSSC) की रविवार को संपन्न सहायक अध्यापक(एलटी) भर्ती परीक्षा में नकल कराने की कोशिश को नाकाम कर गिरोह के मास्टरमाइंड और उसके सॉल्वर साथी को गिरफ्तार कर लिया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि मेरठ, उत्तर प्रदेश का उधम सिंह नकल माफिया है और उसका अपना गिरोह है। वह पैसा लेकर भर्ती परीक्षाओं में नकल कराकर अभ्यर्थियों को पास कराता है। एसटीएफ को सूचना मिली थी कि उधम सिंह 18 अगस्त 2024 को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(UKSSSC) की सहायक अध्यापक(एलटी) भर्ती परीक्षा में एक परीक्षार्थी की जगह अपने साथी (सॉल्वर) को बिठाकर उसकी परीक्षा दिलवाएगा। इस एवज में 16 लाख में सौदा तय किया गया है। उधम सिंह के बारे में जानकारी मिली कि वह पूर्व में भी फर्जी भर्ती कराने के अपराध में जेल जा चुका है।
इस सूचना पर एसटीएफ टीमों को हरिद्वार में तैनात कर दिया गया। कल 18 अगस्त 2024 को मायापुर, हरिद्वार स्थित परीक्षा केन्द्र एसवीएम इण्टर कॉलेज के बाहर से गिरोह के मास्टरमाइंड उधम सिंह एवं उसके बिहार के रहने वाले साथी अनुपम कुमार, जो कि परीक्षार्थी की जगह बैठकर पेपर सॉल्व करने वाला था, दोनों को इस परीक्षा में गड़बड़ी करने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया। दोनों अभियुक्तों के विरुद्ध उत्तराखण्ड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती परीक्षा में अनुचित साधनों की रोकथाम व निवारण के उपाय) अधिनियम 2023 के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराकर कल देर रात कोतवाली हरिद्वार में दाखिल किया गया है।
एसटीएफ टीम द्वारा पूछताछ करने पर अभियुक्त उधम सिंह ने बताया कि मैंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(UKSSSC) की रविवार को संपन्न सहायक अध्यापक(एलटी) भर्ती परीक्षा में पेपर साल्व कराने के लिये अनुपम कुमार को बिहार से बुलाया था। कुछ रोज पहले 18 अगस्त को उत्तराखंड में आयोजित होने वाली सहायक अध्यापक(एलटी) भर्ती परीक्षा परीक्षा के लिए कुलदीप नाम के कैंडिडेट के संबंध में उसके रिश्तेदार सचिन से बात चल रही थी, जिसने परीक्षा केंद्र सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज हरिद्वार में कुलदीप के बजाय अन्य परीक्षार्थी से परीक्षा दिलवाकर पास करने की वजह के लिये 16 लाख रू० देने का करार हुआ था। जिस पर मैने कुलदीप सिंह का प्रवेश पत्र एवं आधार कार्ड प्राप्त कर उसके स्थान पर अपने दोस्त अनुपम कुमार जो पटना बिहार का रहने वाला है, से परीक्षा दिलाने की योजना बनाई जिसके लिये परीक्षा के बाद मैं अनुपम को 04 लाख रू० देने थे ।
आज योजना के अनुसार हम दोनो यहाँ पर कुलदीप सिंह की जगह परीक्षा देने के लिये आये थेद्य हमारे द्वारा प्रवेश पत्र पर कुलदीप सिंह की जगह अनुपम का फोटो प्रिन्ट कर प्रवेश पत्र तैयार किया गया ताकि उसको आसानी से अन्दर परीक्षा हॉल में जाने का मौका मिल जाये और हम परीक्षा को पास करा सके। जिसके एवज में मुझे चार लाख रुपए आज ही सचिन से लेने थे कि उससे पहले आप लोगों ने हमें पकड़ लिया। जिसने परीक्षा केन्द्र में जाकर कुलदीप सिंह नाम के व्यक्ति के बदले पेपर देना था एवं इसकी एवज में मुझे पेपर के बाद 4 लाख रू० व चयन होने के उपरान्त 12 लाख रू0 कुल 16 लाख रू० मिलने थे। जिसमें सचिन नाम के व्यक्ति से मेरी बात हुई थी।