स्वतंत्रता दिवस से पूर्व संध्या पर जम्मू-कश्मीर के डोडा क्षेत्र में बुधवार को सेना और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में उत्तराखंड का एक और जांबाज लाल शहीद हो गया। देश की आन-बान और शान की खातिर शहीद होने वाले सपूत कैप्टन दीपक सिंह हैं। वह 48 राष्ट्रीय राइफल में तैनात थे और डोडा के असार क्षेत्र में चल रहे एनकाउंटर टीम का नेतृत्व कर रहे थे। आतंकियों के साथ मुठभेड़ में जब कैप्टन दीपक को गोली लगी, वह तब भी आखिरी सांस तक आतंकियों से लड़ते रहे। इस एनकाउंटर में 1 आतंकी के अब तक मारे जाने की खबर मिली है, जबकि 03 को जवानों ने घेर रखा है। माना जा रहा है कि इन्हें भी मार गिराया गया है, लेकिन इसकी पुष्टि की जानी बाकी है। इससे पहले 16 जुलाई को भी डोडा के डेसा क्षेत्र में मुठभेड़ में 1 कैप्टन समेत 5 जवान शहीद हो गए थे।
समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक आतंकी जंगल में एक नदी के पास छिपकर लगातार फायरिंग कर रहे हैं। हालांकि, सेना की ओर से जवाबी कार्रवाई के बाद वह पीछे भाग गए। जवानों को उस जगह से अमेरिकी एम-4 राइफल, एके-47 और 3 बैग में विस्फोटक मिले हैं। उस क्षेत्र में खून के धब्बे भी पाए गए हैं, जिससे आतंकियों को गोली लगने के रूप में देखा जा रहा है। शहीद हुए उत्तराखंड के लाल का पार्थिव शरीर गुरुवार को दून लाया जाएगा। जिसके बाद हरिद्वार में सैन्य सम्मान के साथ जांबाज की अंत्येष्टि की जाएगी। इस आतंकी घटना से हर देशवासी की तरह उत्तराखंड में भी गम और गुस्से के भाव नागरिकों के चेहरे पर साफ देखे जा सकते हैं।