देहरादून। बीते 2 अगस्त से कार्य बहिष्कार पर चल रहे प्रदेश के अतिथि शिक्षकों के शिष्टमंडल ने बुधवार को शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से उनके यमुना कॉलोनी स्थित आवास पर मुलाकात की। इसके बाद शिक्षा मंत्री ने अतिथि शिक्षकों की दो मांगों को कैबिनेट की अगली बैठक में रखने का आश्वासन दिया है।
बीते 2 अगस्त से प्रदेश के सभी 4 हजार से अधिक अतिथि शिक्षक अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर देहरादून के ननूरखेड़ा स्थित शिक्षा निदेशालय में धरना दे रहे थे।
जिनमें उनकी प्रमुख मांग थी कि जिस विद्यालय में अतिथि शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं, वहां उनके पद को रिक्त ना माना जाए। स्थाई शिक्षक के आते ही अतिथि शिक्षकों को हटा दिया जाता है। उनकी दूसरी मांग वेतन वृद्धि की और तीसरी यह थी कि विद्यालयों में व्यायाम शिक्षकों में भी अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति दी जाए।
अपनी इन्हीं मांगों को लेकर बीते 8 अगस्त को प्रदेश के अतिथि शिक्षकों ने सचिवालय कूच किया था, लेकिन उन्हें बेरीकेटिंग कर रास्ते में रोक दिया गया था। अगले दिन 9 अगस्त को सभी अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री आवास के लिए प्रस्थान किया था लेकिन उस दिन भी उन्हें एश्ले हॉल के नजदीक रोक दिया गया था। बीती 13 अगस्त को अतिथि शिक्षकों की शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी से असफल वार्ता हुई। अतिथि शिक्षक शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से वार्ता करने की मांग पर अड़े रहे। 14 अगस्त बुधवार को अतिथि शिक्षकों की शिक्षा मंत्री के साथ वार्ता हुई। जिस पर शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने विद्यालयों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों के पद को रिक्त ना मानने और मानदेय वृद्धि की मांग को अगली कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव रखने का आश्वासन दिया। व्यायाम शिक्षकों के पदों के लिए उन्होंने कुछ समय मांगा है। शिक्षा मंत्री के इस आश्वासन के बाद प्रदेश के 4 हजार से अधिक अतिथि शिक्षकों ने अगली कैबिनेट बैठक तक अपना आंदोलन स्थगित कर दिया है।