जखोली। सीमांत बांगर पट्टी को जोड़ने वाले बरसीर-रणधार मोटर मार्ग पर बीते सोमवार को देहरादून से बांगर जाने वाली विश्वनाथ बस सेवा सहित दर्जनों वाहन तीन घंटे तक कीचड़ भरे गड्ढों में फंसे रहे। गोरपा नामक स्थान में तो यह स्थिति है कि प्रत्येक वर्ष बरसात के कारण सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे उभर आते हैं, जिनमें जल भराव होने के कारण वाहन चालकों को जान जोखिम में डालकर आगे बढ़ना पड़ता है।
मायली बाजार से सीमांत गांव बधाणी तक 25 किलोमीटर कि यह सड़क बांगर पट्टी के 18 गांव की लगभग 20 हजार की आबादी के आवागमन का एकमात्र साधन है। लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं क्षेत्रीय विधायक की उपेक्षा के चलते वर्षों से सड़क मार्ग पर पेंटिंग तक नहीं हुई है। सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे सड़कों पर जमे हैं, जिन पर बरसात में पानी भरा रहता है।
पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख जखोली चैन सिंह पंवार ने बताया कि यह मोटर मार्ग बांगर पट्टी की लाइफ लाइन है। हर साल बरसातें आती-जाती हैं। यह मामला कई बार तहसील दिवस और बीडीसी बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाया गया है, लेकिन यहां की स्थिति जस की तस बनी है। संबंधित विभाग और शासन इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। इनके पास इसका कोई विकल्प नहीं है। यदि समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो यहां पर कभी भी कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। जिसकी समस्त जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग एवं स्थानीय प्रशासन की होगी।