यूं तो एमडीडीए बड़े-बड़े दावे करता है परंतु कहीं-कहीं इतना लचीला हो जाता है कि उसकी कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा हो जाता है। नियम के अनुसार वेडिंग प्वाइंट के आगे का रास्ता 18 मीटर तय किया गया है परंतु एमडीटी की मेहरबानी से 9 मीटर मार्ग में भी वेडिंग प्वाइंट अनुमति दी जा रही है।
शहर में बहुत से वेडिंग प्वाइंट ऐसे ही कम चौड़ी सड़क पर बने हैं जबकि प्रस्तावित मास्टर प्लान में 18 मीटर की चौड़ी सड़क पर ही वेडिंग प्वाइंट बनाया जा सकता है ऐसे ही एक मामले में जोगीवाला के बद्रीपुर क्षेत्र के वेडिंग पॉइंट को महज 6 से 9 मीटर की सड़क पर अनुमति दे दी है।इसका तकनीकी पहलू यह है कि मास्टर प्लान में इस सड़क की प्रस्तावित 18 मीटर है। क्षेत्र की जनता में इससे आक्रोश है।इसी के चलते रविवार को बद्रीपुर भातृ मंडल समिति के सदस्यों की ओर से प्रदर्शन कर धरना दिया गया। नागरिकों का कहना है कि यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है और सड़क बहुत कम चौड़ी है। इसके बावजूद भी एमडीडीए के अधिकारियों ने वास्तविकता की अनदेखी कर वेडिंग पॉइंट के निर्माण की अनुमति दे दी। जिससे क्षेत्र की जनता को आने वाले समय में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। क्षेत्रवासियों कहना है कि किसी भी बड़े निर्माण को सड़क के हिसाब से ही अनुमति दी जानी चाहिए, उन्होंने आरोप लगाया कि एमडीडीए मास्टर प्लान के अनुरूप कार्य नहीं करवा रहा है जो घोर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।