30 साल बाद रामपुर तिहारा गोलीकांड में मिलाप सिंह और वीरेंद्र प्रताप दोषी साबित हो गए।
यह दोनों 2 अक्टूबर 1994 को पीएससी तैनात थे।
आईपीसी 376, 354 509 में दोनों पर आरोप सिद्ध हुए हैं।
दोनों ने 2 अक्टूबर को दिल्ली में जा रही महिलाओं के साथ बलात्कार किया था।