उत्तराखंड में भू माफिया इतने बेलगाम हो गए हैं कि पुलिस के दरोगाओं को भी नहीं छोड़ रहे।
ऐसा ही एक मामला टिहरी, नरेंद्र नगर तहसील के जामरी कॉटल क्षेत्र में सामने आया है।
यहां पर एक सेवा निवृत दरोगा नरेश चंद्र बौंठियाल को अपनी ही जमीन भू माफियाओं से छुड़ाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है लेकिन पुलिस और प्रशासन के खुलेआम संरक्षण के चलते वह अभी तक अपनी जमीन छुड़ा नहीं पाए हैं।
पिछले दिनों भूमाफिया उनकी भूमि पर गोलियां चलाते हुए घुस गए और जमकर उत्पात मचाया तथा सेवानिवृत्त दरोगा के शौचालय और बाथरूम भी तोड़ दिये।
बौंठियाल कहते हैं कि, इसकी रिपोर्ट तक लिखने को स्थानीय मुनी की रेती थाना आसानी से तैयार नहीं हुआ। जब सेवा निवृत दरोगा की पत्नी संगीता बौंठियाल और सामाजिक कार्यकर्ता सुमन बडोनी, परमानंद बलोदी और शैलेंद्र गुसाई आदि आकर थाने में धरना जमा कर बैठ गए तब जाकर थाने में भू माफियाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन यह भी काफी कमजोर धाराओं में दर्ज किया गया। मुकदमे में भू माफिया को संरक्षण देने में स्थानीय सभासद भी नामजद है।
बड़ा सवाल आखिर यह है कि पुलिस और प्रशासन किस आका के कहने पर वह माफिया को इतना खुला संरक्षण दे रहे हैं !
पिछले दिनों भी भू माफिया जबरन उनकी भूमि पर घुस गए थे और जब उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो पुलिस ने उल्टा नरेश चंद्र बौंठियाल के खिलाफ एससी-एसटी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया।
बीते दिनों बकोल बौंठियाल उन पर दबाव बनाने के लिए पुलिस कोर्ट में बौंठियाल का गिरफ्तारी वारंट लेने के लिए पूरा जोर लगाती रही, ताकि भू माफिया के खिलाफ लड़ रहे बौंठियाल कमजोर पड़ जाए और अवैध रूप से कब्जा जमा कर बैठे भू माफिया को संरक्षण मिल सके, लेकिन जब बौंठियाल की गिरफ्तारी का कोर्ट से रिमांड हासिल न हो सकी तो पुलिस को मजबूरन भू माफिया के खिलाफ कमजोर धाराओं में ही सही लेकिन मुकदमा दर्ज करना पड़ा।
भले ही सरकार मजबूत भू-कानून बनाने की बात कहती हो लेकिन सरकार में शामिल कुछ प्रभावशाली नेताओं की शह पर भू माफिया दरोगा की जमीन को कब्जाने में लगे हुए हैं।
नरेश बौंठियाल ने अवैध रूप से काबिज भू माफियाओं को बेदखल करने के लिए बेदखली का वाद दायर किया हुआ है। इस पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी नरेंद्र नगर के उप जिलाधिकारी को राजस्व मैनुअल के नियमों के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए थे लेकिन अभी तक इस पर कार्रवाई लंबित है।
सेवानिवृत्त दरोगा नरेश बौंठियाल का कहना है कि एसडीएम देवेंद्र सिंह नेगी अनावश्यक रूप से इस मामले को लटका रहे हैं, इसका फायदा भूमिया को हो रहा है।
उनकी जमीन पर बाकायदा रिजॉर्ट बनाकर ढाई लाख रुपए महीने की लीज पर भी चढ़ा दिया है, जबकि अपनी ही जमीन पर आने-जाने के लिए भी स्थानीय पुलिस नरेश बौंठियाल को लगातार रोक-टोक करती रहती है।
अब यही भू माफिया बेदखली का वाद वापस लेने के लिए सेवानिवृत्त दरोगा नरेश बौंठियाल और उसके परिजनों पर जान से मारने की धमकी देते हुए दबाव बनाने में लगे हुए हैं, किंतु पुलिस प्रशासन अपने ही विभाग से रिटायर हुए दरोगा की भी नहीं सुन रहा।
ऐसे में आम आम आदमी के साथ क्या व्यवहार होता होगा, इसका अंदाजा लगाना कठिन नहीं है।