पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सहित 18 लोगों को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव पाल की अदालत ने सीडीओ को बंधक बनाने पर विभिन्न धाराओं में एक-एक वर्ष के कठोर करावास की सजा के साथ -साथ सभी पर विभिन्न धाराओं में अर्थदंड की भी सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर प्रत्येक धारा में एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तरकाशी में वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी (CDO) विनीत कुमार को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा, उपाध्यक्ष व सदस्यों ने उनके कार्यालय में बंद कर दिया था। CDO विनीत कुमार ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य लोगों पर उत्तरकाशी कोतवाली में उनको बंधक बनाए जाने, जान से मारने की धमकी देने और शासकीय कार्य में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए नामजद मुकदमा दर्ज कराया था।
उत्तरकाशी कोतवाली द्वारा पूर्व जिपं अध्यक्ष सहित कुल 18 लोगों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। गत मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए सीजेएम संजीव पाल की अदालत ने सभी को तीन धाराओं में संदेह का लाभ देकर दोषमुक्त किया। लेकिन हर एक पर आईपीसी की धारा 147 के तहत दंगा या बलवा करने पर एक वर्ष की सजा व एक हजार अर्थदंड, धारा 353 के तहत मारपीट करने पर एक वर्ष की सजा व एक हजार रुपये अर्थदंड, धारा 342 में बंधक बनाने पर एक वर्ष की सजा व एक हजार अर्थदंड स्था आईपीसी की धारा 506 में जान से मारने की धमकी देने पर एक वर्ष की सजा व दो हजार का अर्थदंड लगाया। सहायक अभियोजन अधिकारी राजेश रावत ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से नौ गवाह सहित अन्य संबंधित साक्ष्य पेश किए गए थे।
जिनको सजा सुनाई गई:-
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा, पूर्व जिपं उपाध्यक्ष प्रकाश चंद्र रमोला, जितेंद्र सिंह, मंगला राणा, सरिता राणा, अनिता गुसाईं, संतोषी सजवाण, कुलदीप सिंह बिष्ट, लक्ष्मण सिंह भंडारी, अनिता बिष्ट, जोगेंद्र सिंह, भरत सिंह राणा, अनिल कुमार, विमला रावत, अवतारी देवी, प्रकाश देवनाटा व अमीचंद।