केदारनाथ मंदिर में लगे सोने को लेकर विवाद लगातार बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक तो विपक्ष के नेता ही इस मुद्दे को जोरशोर से उठा रहे थे। अब मंदिर समिति के सदस्यों ने ही इस प्रकरण की जांच एसआईटी करवाने के लिए मुख्यमंत्री धामी को ज्ञापन दिया है। कांग्रेस भी अरसे से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करती आ रही है।
इसका मतलब साफ है कि यदि आने वाले दिनों में जब भी इस मामले की जांचकी जाएगी, तो सवाल मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय से भी किए जाएंगे। अजेंद्र अजय अब तक इसलिए खामोश थे, क्योंकि कांग्रेस और तमाम दलों के नेता ही इस मामले पर आवाज उठा रहे थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात करके तमाम सदस्यों ने केदारनाथ में लगे सोने के मामले को लेकर एसआईटी जांच की मांग की है।
मंदिर समिति के सदस्यों ने मुख्यमंत्री धामी को लिखे अपने पत्र में बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि मौजूदा समय में केदारनाथ और बदरीनाथ को लेकर भ्रष्टाचार और अनिमितता की खबरों से न केवल बदरीनाथ केदारनाथ की छवि धूमिल हो रही है, बल्कि राज्य सरकार की छवि पर भी बट्टा लग रहा है। जिसके लिए पूरे मामले की जांच एसआईटी करवाना बेहद आवश्यक हो गया है। सदस्यों ने पत्र में यह भी लिखा कि सोने के मुद्दे को लेकर अब तक सभी ने चुप्पी साध रखी हैं। परंतु यह सवाल मंदिर समिति के सदस्यों, पुजारी और मंदिर से जुड़े लोगों से बार- बार पूछा जा रहा है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि राज्य सरकार इस पूरे मामले की जल्द से जल्द जांच करवाए। मंदिर समिति के सदस्य पुष्कर जोशी का कहना है कि पीएम मोदी और सीएम धामी सहित करोड़ों देशवासियों की आस्था उत्तराखंड के धामों में है
हम केवल इतना राहुलचाहते हैं कि जो भी बातें चल रही हैं, उनकी जांच होनी चाहिए।
यहां यह भी बताते चलें कि इस समय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी केदारनाथ धाम में मौजूद हैं। जिस तरह से वह तमाम राज्यों में जाकर लोगों के साथ मिलकर एक फिल्म शूट कर रहे हैं और उसको अपने यूट्यूब चैनल पर डाल रहे हैं, ऐसे में संभावना यह भी है कि केदारनाथ में रहकर वह तमाम मुद्दों को भी उठा सकते हैं। इसलिए संभव है, कि इन सभी बातों को देखते हुए मंदिर समिति के सदस्यों ने यह पत्र लिखा हो। राहुल गांधी के केदारनाथ में रुकने के बाद एक बार फिर से सोने का मुद्दा उठाना लाजमी है और साथ ही मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय पर भी सवाल उठने तय है।
इस पूरे मामले पर मंदिर समिति के सदस्य आशुतोष डिमरी का कहना है कि हम भी यही चाहते हैं कि सच्चाई सामने आनी चाहिए। इसलिए हमने मुख्यमंत्री से मिलकर इस मामले की जांच के लिए पत्र लिखा है और हमें उम्मीद है कि राज्य सरकार इस पूरे प्रकरण को लेकर जल्द ही कोई जांच करवाएगी। हालांकि ये पत्र मई महीने में लिखा है लेकिन यह पत्र अब सामने आ रहा है।
इसी बीच खानपुर से निर्दलीय विधायक उमेश शर्मा भी इस मामले में उतर गये हैं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर लिखा- “केदारनाथ जी में जो सोना लगा था, उसका सच ये है। ये है वो पित्तल की दीवारें जिनका सोना अब उतरने लगा है,माफ़ी चाहूँगा मुझे ये सार्वजनिक नहीं करना चाहिए था. लेकिन जब हमारे आदरणीय बागेश्वर धाम वाले बाबा गर्भ गृह की तस्वीरें अपने पेज से पूरे दुनिया को दिखाकर बाबा केदार की मर्यादा को भंग कर सकते हैं तो, मैं बाबा के साथ किया धोखा क्यों नहीं दुनिया को दिखा सकता ? जिसको मुझ पर FIR करनी हो वो स्वतंत्र है. तस्वीरें ज़ूम करके देखियेगा और अपनी राय दीजियेगा”।
आपको बता दें कि मुंबई के एक व्यापारी ने 23 किलो सोना मंदिर समिति को दान किया है। इसके बाद केदारनाथ मंदिर की छत्त और दीवारों पर 550 सोने की प्लेटों से मढ़ी गई थीं। गोल्ड प्लेटिंग का यह सारा काम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के 2 अफसरों की निगरानी में किया गया था।
महापंचायत के उपाध्यक्ष संतोष त्रिवेदी ने तो दान में मिले 23.78 किलो सोने के चोरी होने का आरोप लगा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मंदिर के गर्भगृह में जब सोने की प्लेटें लगवाई गईं थीं, तो अब उन्हें पॉलिश करने की क्या जरूरत आन पड़ी। उन्होंने इसकी जांच करने की मांग की थी। इसके साथ ही कांग्रेस ने भी जांच की मांग की थी. विवाद बढ़ता देख धार्मिक मामलों के सचिव ने जांच कमेटी बनाकर जांच शुरू कराई थी।