उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि वीरभट्टी मदरसा प्रकरण शर्मशार करने वाला है। उनका कहना है कि देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे मदरसों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के सभी मदरसों जो पंजीकृतहो या गैर पंजीकृत उनकी समस्त संपत्ति वक्फ बोर्ड के दायरे में लाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार से इस सिलसिले में कानून लाने का सुझाव दिया जाएगा।
शम्स ने कहा कि निजी मदरसों के नाम पर संपत्ति बनाने का खेल बंद होना चाहिए क्योकि शरीयत के अनुसार भी दान अथवा चंदे में मिले पैसों से निजी संपत्ति नहीं बनाई जा सकती है। अल्लाह के नाम पर लिया गया चंदा अथवा अर्जित संपत्ति की वक्फ होगी। उन्होंने आगे कहा कि राज्य में जितने भी मदरसे चलाने जा रहे हैं। वे चाहे मदरसा बोर्ड में पंजीकृत हैं या वक्फ बोर्ड में या वो निजी मदरसे हैं। इन सभी की संपत्ति उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में समायोजित कर दी जानी चाहिए। इससे मदरसों पर सरकारी नियंत्रण भी हो सकेगा।
शम्स ने कहा कि वीरभट्टी मदरसा जैसे प्रकरण और कहीं ना हो, इसके लिए हर मदरसे में CCTV कैमरे लगाए जाने चाहिए। शम्स ने कहा कि वक्फ बोर्ड जो माडर्न मदरसे बनाने जा रहा है, उनमें यह व्यवस्था की जा रही है।