एस० जे० ए० एल्यूमनाई एसोसिएशन द्वारा डेंगू के मरीजों की सहायतार्थ मोहिनी रोड स्थित सेंट जोजेफ्स चैरिटेबल डिस्पेंसरी में डालनवाला वेलफेयर सोसायटी के सहयोग से रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में कुल 70 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।
शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि जिला रेडक्रास सोसायटी के प्रबन्धन समिति सदस्य व नोडल अधिकारी डेंगू नियंत्रण कक्ष रक्त सेवाएं श्री अनिल वर्मा ,एल्यूमनाई एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ० आलोक जैन , डालनवाला वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अनिल जग्गी , सचिव ज्ञान प्रकाश गुप्ता, कार्यकारिणी सदस्या मधु मारवाह द्वारा फीता काटकर तथा श्री अनिल जग्गी द्वारा रक्तदान करके किया गया।
इस अवसर पर एल्यूमनाई एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ० आलोक जैन, नवनीत ओबेरॉय , विकास दीवान, राजीव नांगिया ने बुके देकर तथा डालनवाला वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अनिल जग्गी, सचिव ज्ञान प्रकाश गुप्ता तथा कार्यकारिणी सदस्य मधु मारवाह ने उपहार प्रदान करके रक्तदाता शिरोमणि अनिल वर्मा, नोडल ऑफीसर को सम्मानित किया।
शिविर में निरीक्षण पर पहुंचे विशेष आमंत्रित पूर्व विधायक व संसदीय सचिव श्री राजकुमार का स्टेट डिजास्टर रिस्पांस टीम सदस्या मेजर प्रेमलता वर्मा तथा डी० डब्ल्यू० एस० कार्यकारिणी सदस्या मधु मारवाह ने पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि रक्तदान मानवीय सह अस्तित्व का पर्याय है। एक मनुष्य का जीवन दूसरे व्यक्ति के जीवन पर आधारित है। अभी तक कृत्रिम रक्त वैज्ञानिक नहीं बना पाये हैं। इससे यह माना जाए कि जब तक रक्तका विकल्प नहीं मिल जाता एक मनुष्य ही दूसरे मनुष्य का जीवन बचा सकता है। तभी तो रक्तदान को जीवनदान कहा जाता है।
पूर्व विधायक व संसदीय सचिव श्री राजकुमार , डी० डब्ल्यू० एस० अध्यक्ष अनिल जग्गी, श्री महंत इंद्रेश हाॅस्पिटल ब्लड बैंक अधिकारी डॉ० प्रीति चौहान एवं कोआर्डिनेटर अमित चंद्रा ने श्री अनिल वर्मा को 152 बार रक्तदान करने हेतु “सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन” प्रदान करके सम्मानित किया। साथ ही उन्होंने रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र प्रदान करते हुए इस डेंगू के मुश्किल दौर में रक्तदान करने की सराहना की।
रक्तदाताओं को संबोधित करते हुए नोडल अधिकारी डेंगू नियंत्रण व रक्त सेवाएं श्री अनिल वर्मा ने कहा कि रक्तदान परोपकार की पहचान है। दूसरों के दर्द का अहसास करते हुए अपने रक्तदान के माध्यम से उनका जीवन बचाना बहुत पुण्य का काम है। रक्तदान करके हम एक मृतप्राय व्यक्ति का जीवन ही नहीं बचाते , बल्कि उसके पूरे परिवार की खुशियां लौटाने का काम करते हैं। नियमित रक्तदान करने से हमारा बोन मैरो एक्टिवेट होकर नये ब्लड सेल्स बनाता है जिससे रक्तदाता के शरीर में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार होता है। इसके साथ ही रक्तदाता हार्ट अटैक ,कैंसर आदि अनेक गंभीर बीमारियों से बहुत हद तक बचा रहता है तथा काफी हद तक बी० पी , कोलेस्ट्रॉल तथा फैट भी नियंत्रित रहता है। अतः प्रत्येक 18 से 65 साल तक की उम्र के व्यक्ति को स्वेच्छा पूर्वक रक्तदान करके निःस्वार्थ समाज सेवा में अपने आप आगे आकर रक्तदान अवश्य करना चाहिए।
एल्यूमनाई एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ० आलोक जैन ने रक्त को मानव जीवन का आधार बताते हुए कहा कि एक मानव का रक्त ही दूसरे व्यक्ति को चढ़ाया जा सकता है । अभी तक इसका विकल्प न होने के कारण जीवन की अंतिम सांसें गिन रहे व्यक्ति के लिए रक्तदाता देवदूत के समान होते हैं।
डालनवाला वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष अनिल जग्गी ने कहा कि यह कहावत सत्य है कि “परहित सरिस धर्म न कोई” यानी दूसरों का हित करना ही सबसे बड़ा धर्म है। अतः सच्चा धार्मिक व्यक्ति वही है जो सदैव दूसरों के हित की सोचता व करता है। रक्तदान करना परहित का सर्वोत्तम उदाहरण है।
शिविर संयोजन में वार्ड संख्या 29 के पार्षद निखिल कुमार, श्रीमहंत इंद्रेश हाॅस्पिटल ब्लड बैंक की टीम के सदस्य राजेश कुकरेती, बिपिन चंद आदि ने विशेष सहयोग प्रदान किया।