यूं तो सरकार ने महिलाओं को सुरक्षा और सुविधा देने के लिए तमाम तरह से योजना बनाई हुई है इसी के तहत महानगरों में पिंक टॉयलेट के नाम से भी एक योजना बनाई थी जिससे कि कामकाजी महिलाओं को छात्राओं को किसी तरह की परेशानियों का सामना न करना पड़े परंतु विभागीय लापरवाही के चलते योजनाएं धरातल पर खरी नहीं उतरती हैं अधिकारी और कर्मचारी बस खानापूरी करते हैं।
ऐसा ही वाकिया लखनऊ के अंबेडकरनगर यूनिवर्सिटी के पास बने पिंक टॉयलेट का है,जिसके चारों तरफ खानपान की दुकान लगती है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है, कि टॉयलेट में ताला लगा हुआ है और उसके अंदर दर मोसंबी की बोरियां भरी पड़ी है। जिसकी वजह से महिलाओं को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्वच्छता अभियान और महिलाओं की सुरक्षा में नगर निगम की संवेदनहीनता देखनी हो तो पिंक टायलेट चले जाइए। कहीं पानी नहीं है तो कहीं बिजली का अभाव। गेट पर कागज चिपका है कि पानी का इंतजाम नहीं है। ऐसे में महिलाएं उसे पढ़कर ही आगे बढ़ लेती हैं। ऐसा ही दूसरा मामला रायबरेली रोड पर शहीद पथ के नीचे बने पिंक टायलेट में देखने को मिला। यहां पहले से ही टायलेट बना था, लेकिन पैसा खपाने के लिए एक और पिंक टायलेट बना दिया गया था। अब इस टायलेट को पड़ोस के दुकानदार ने मौसम्बी का स्टोर बना रखा है जो टॉयलेट के बगल में जूस की दुकान चलाता है। नगर निगम की अधिकारियों ने टायलेट की चाबी जूस वाले को दे रखी है जोकि बिजली के साथ-साथ सबमर्सिबल पंप द्वारा पानी का भी इस्तेमाल फ्री में करता है या यूं कहें कि नगर निगम के अधिकारियों की मेहरबानी कर करता है। इतना ही नहीं इन्होंने कमरे में गन्ना पेरने की मशीन भी रखी हुई थी और टॉयलेट के चारों तरफ दुकानें सजी हुई थी जिससे महिलाओं में असुरक्षा की भावना पैदा होती है।
अंबेडकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्राओं की शिकायत पर सफाई निरीक्षक सुमित मिश्र वहां पहुंचे तो देखा कि दोनों टायलेट में ताला लटक रहा था और अंदर मौसम्बी की बोरियों भी रखी थी, नए बने पिंक टायलेट में ताला लटक रहा था। कमरे में कई उपकरण समेत गन्ना पेरने की मशीन रखी थी, जिसे जब्त कर लिया है।
बिजली पानी का अभाव है
सरकार ने निर्भया कांड फंड से इसके लिए बजट भी दिया था जिनसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए पिंक टॉयलेट बनाए गए थे। अधिकारियों द्वारा जितनी दिलचस्पी इनके निर्माण में दिखाई थी उतनी ही सुस्ती उसके संचालन में दिखती है।
ऐसे ही पिंक टॉयलेट लखनऊ मैं जगह जगह बनने हुए है परंतु उनमे बिजली पानी के इंतजामात ना के बराबर है।
यहां तैनात कर्मचारी बगल में एसी का पानी बाल्टी में एकत्र करती हैं, जिससे अगर कोई जरुरतमंद आए तो उसे जरूरत भर का पानी दिया जा सके। साफ-सफाई के लिए कोई सामान नहीं दिया जाता है। ऐसा ही नजारा अधिकांश पिंक टायलेट का है जो मात्र शो पीस बनकर रह गए।