उत्तर प्रदेश के झांसी के मऊरानीपुर के शिवगंज मोहल्ले से एक दिलदहलाने वाला सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। यहां एक युवक को पहले महिलाओं ने चप्पलों से पीटा और फिर हाथ पांव जंजीर से बांधकर उसे पूरे मोहल्ल में घसीटते हुए घुमाया। पीड़ित युवक भीड़ से छोड़ देने की गुहार लगाता रहा, लेकिन किसी के कानों में जूं तक नहीं रेंगी।महिलाएं का युवक पर आरोप था कि वो खुद को डॉक्टर बताता है और घर के बगल में ही दुकान पर बैठता है। उसके पास मेडिकल से संबंधित कोई डिग्री नहीं है। वह अपनी दुकान में अवैध काम करवाने के चलते यूगल जोड़ो की मुलाकात करवाता है। हद तो तब हुई जब रविवार को उसने उनके ही परिवार की एक युवती को बुलाया था। मंगलवार को इसका वीडियो वायरल होने पर पूरे मोहल्ले में हंगामा मच गया।
एसपी देहात ने बताया है कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है तथा वीडियो के आधार पर आरोपियों की पहचान की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मऊरानीपुर में झांसी रोड के रतोसा तिगौला पर नरेंद्र आर्य नाम का युवक रहता है। उसने गली में अपने घर के बगल में एक दुकान खोली हुई है जहां वह बैठकर लोगों का इलाज करता है।
रविवार को जब दुकान बंद थी और नरेंद्र अपने घर पर था। तब दोपहर 12 बजे के आसपास महिलाओं और पुरुषों की भीड़ उसके घर पर आई और आवाज लगाकर उसको बाहर बुलाया। बताया जा रहा है कि जैसे ही नरेंद्र अपने घर के दरवाजे पर आया भीड़ ने उसे पकड़ कर बाहर खींच लिया और महिलाओं ने चप्पलों से उसे यह कहकर पीटना शुरू कर दिया कि वह अपनी दुकान में प्रेमी और प्रेमिकाओं को मिलवाता है। यह महिलाएं अपने परिवार की एक युवती का भी नाम जोड़ रही थीं। नरेंद्र हाथ जोड़कर बार- बार कह रहा था, कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया लेकिन महिलाएं सुनने को तैयार नहीं थीं । उसके बाद मोहल्ले के लोगों ने नरेंद्र के हाथ और पैर में भी जंजीर बांध दी और फिर उसे पूरे मोहल्ले में घसीटा गया।
नरेंद्र महिलाओं और लोगों के आगे गिड़गिड़ाता रहा, मगर किसी को भी उसपर दया नहीं आई। उसके हाथ-पांव भी छिल गए थे। इस घटना का हल्ला तब मचा जब मंगलवार सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुआ। पुलिस के आला अधिकारियों तक वीडियो पहुंचा तो उन्होंने तत्काल थाना पुलिस को आवश्यक कार्यवाही हेतु निर्देशित किया। एसपी (आरए) गोपीनाथ सोनी ने बताया कि अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके वीडियो के आधार पर उनकी तलाश की जा रही है।
एक तरफ सरकार ने मॉब लिंचिग के खिलाफ सख्त कानून बनाने की मांग हो रही है तो दूसरी तरफ ऐसी घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। मऊरानीपुर में भीड़ ने ना सिर्फ कानून का मजाक उड़ाया बल्कि किसी इंसान की जिंदगी से भी खेल गई। सभ्य समाज में एक युवक के साथ जानवरों जैसा सुलूक किया गया।
भीड़ को ऐसा करने का हक किसने दिया में यदि युवक ने कोई अपराध किया भी था तो उसे पकड़कर पुलिस के हवाले किया जाना चाहिए था। लेकिन, भीड़ कबीलाई इंसाफ करने पर आमादा हो गई। मऊरानीपुर में युवक नरेंद्र को लोग लोहे की जंजीर से बांधकर घसीटते रहे। कभी चप्पल से पीटते तो कभी डंडे से । जब युवक को घसीटा जा रहा था तब मोहल्ले के हर घर के दरवाजे पर लोग मौजूद थे, वीडियो बना रहे थे।लेकिन, कोई भी युवक को बचाने को आगे नहीं आ रहा था।और तो और किसी ने पुलिस को फोन करना भी जरूरी नहीं समझा।प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है हमलावर जब उसकी चप्पलों से से पिटाई कर रहे थे तब भी नरेंद्र हाथ जोड़कर खुद को बेगुनाह बता रहा था। आसपास खड़े लोगों के पैर पकड़कर बचाने की गुहार भी लगा रहा था।
सबसे हैरानी वाली बात यह रही कि हमलावरों में 70 साल की बुजुर्ग महिला समेत 14 साल का बच्चा तक शामिल हैं। घटना सामने आते ही पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार करके उनको जेल भेज दिया। पुलिस का कहना है वीडियो के आधार पर हमलावरों की पहचान कराई जा रही है। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
क्या खत्म हो गया है
पुलिस का सूचना तंत्र क्या ख़त्म हो गया है कि रविवार को होने वाली इस घटना की जानकारी पुलिस को जानकारी मंगलवार को मिली वो भी तब हुई जब वीडियो वायरल हुआ। इससे साफ है कि या तो पुलिस का सूचना तंत्र फेल हो गया है या फिर जानकारी होने के बाद भी पुलिस वाले खामोश रही। एक बड़े मोहल्ले में ऐसी दिल दहलाने वाली घटना होती है लेकिन पुलिस तक सूचना नहीं पहुंचती है। यह बात गले से नीचे नहीं उतरती है। अब इसे लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। मोहल्ले के कुछ लोगों का कहना है कि यह नहीं हो सकता है कि तीन दिन तक पुलिस को पता न चले। लेकिन थाना पुलिस भी इस घटना को खामोश करने में ही लगी रही।