पिछले 20 वर्षों से आईएसबीटी देहरादून का संचालन कर रही, हैदराबाद की रैमकी कंपनी के अधिकारियों ने जब हस्तांतरण दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया ,तो एमडीडीए ने पुलिस बुलाकर जबरन आईएसबीटी पर कब्जा लिया और कंपनी के अधिकारियों को आईएसबीटी परिसर से बाहर कर दिया। एमडीडीए ने रैमकी कंपनी के बोर्ड को भी उखाड़ कर फेंक दिया, इसके बाद बगल में संचालित सिटी मॉल जंक्शन को भी एमडीडीए ने अपने कब्जे में ले। एमडीडीए के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने विश्वास दिलाया कि यात्रियों और दुकानदारों किसी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी।
अब आईएसबीटी और सिटी माल जंक्शन का संचालन एमडीडीए के द्वारा किया जाएगा जिसमें उत्तराखंड परिवहन निगम आइएसबीटी का सहयोग करेगा। आईएसबीटी में कार्य कर रहे लोगों को अग्रिम आदेश सर यथावत रखा जाएगा जिसका भुगतान एमडीडीए मासिक वार करेगा।
बताते चलें कि वर्ष 2003 में राज्य सरकार ने रैमकी कंपनी के साथ 20 वर्ष के लिए अनुबंध किया था। बीओटी मोड पर रैमकी कंपनी ने 40 बीघा जमीन में से 25 बीघा जमीन पर आईएसबीटी और 15 बीघा जमीन पर सिटीमॉल जंक्शन का निर्माण किया था।
आईएसबीटी के संचालन से लेकर देखरेख और मरम्मत तक का पूरा कार्यक्रम की कंपनी को ही करना था लेकिन कंपनी ने शर्तों का अनुपालन उचित प्रकार से नहीं किया,जिससे आईएसबीटी बदहाली की स्थिति में पहुंच गया था। एमडीडीए को अपने बजट में से इसमें सुधारी करण करना पड़ा था। परिवहन निगम की कार्यशाला की भूमि स्मार्ट सिटी के हरित भवन को दिए जाने के बाद से कर्मचारी संगठन आईएसबीटी के स्वामित्व को परिवहन निगम को देने की मांग कर रहे थे।जिसके बाद सरकार ने आईएसबीटी का स्वामित्व परिवहन निगम को देने का निर्णय लिया था।
बुधवार को रैमकी कंपनी और सरकार और सरकार के बीच हुआ अनुबंध समाप्त हो गया था, जिसके चलते एमबीडीए गुरुवार को सुबह 10:00 बजे आईएसबीटी को अपने कब्जे में लेने के लिए सचिव मोहन सिंह बर्निया, संयुक्त सचिव रजा अब्बास, अधीक्षण अभियंता एक्सपीएस राणा अपनी टीम के साथ रैमकी कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर बीएस नेगी कार्यालय में पहुंचे। परंतु नेगी ने हस्तांतरण पत्र पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया और अपने कार्यालय से बाहर चले गए। 2 घंटे बाद नेगी वापस अपने कार्यालय में आए और कहा कि कंपनी के उच्च अधिकारियों ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है, तब वहां स्थिति तनावपूर्ण हो गई। स्थिति की नाजुकता को देखते हुए एमडीडीए ने अपने कर्मचारियों और पुलिस को बुला लिया। जिसके बाद एमडीडीए ने बलपूर्वक रैमकी कंपनी को आईएसबीटी से बाहर कर वहां कब्जा कर लिया । उसके बाद एमडीडीए द्वारा सिटी मॉल जंक्शन को भी अपने अधिकार में ले लिया गया।