पहाड़ों में हो रही भारी बारिश से पहाड़ों के साथ-साथ उसका भयावह असर मैदानों में भी देखने को मिल रहा है। मामला कल शनिवार हरिद्वार और लालढांग के बीच का है। शनिवार को इसके बीच पड़ने वाली कोटा नदी उफान पर आ गई थी जिसमें उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की 70 यात्रियों से भरी बस बीच नदी में फंस गई। बस को क्रेन की मदद से ही यथावत स्थिति में रोका गया है। बस के नदी में फंसने से यात्रियों में हड़कंप मच गया। शुक्र है किसी भी तरह का नुक़सान नहीं हुआ है।सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। यहां प्रश्न यह भी उठता है कि बस में 70 यात्री किसकी आज्ञा से भरे गए थे और ड्राइवर ने रास्ते में पानी भरा देख बस को किनारे पर पहले ही क्यों नहीं रोक दिया? उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेते हुए उचित कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में यात्रियों की जान के साथ कोई खिलवाड़ ना कर सके।
हरिद्वार में सुबह से ही हो रही मूसलाधार बारिश के चलते स्थानीय लोग जलभराव की आशंका से सहमे हुए हैं। लोगों बात की भी चिंता सताए जा रही है कि यदि इसी तरह बारिश चलती रही तो बिजली और पानी का भी संकट पैदा ना हो जाए। क्योंकि मूसा हरीश और जलभराव के चलते सबसे पहले बिजली और पानी पर ही इसका असर पड़ता है। उधर प्रशासन भी हर समस्या से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद खड़ा है।