पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के चलते गंगा ने अपना विकराल रूप ले लिया है जिसके चलते हरिद्वार में भीमगोडा बैराज का गेट नंबर 10 टूट गया है। गेट के टूटने से उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग में हड़कंप मच गया है क्योंकि यह बैराज उन्हीं के द्वारा संचालित किया जाता है। मौके पर पहुंचे उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारी लीपापोती में जुट गए हैं तथा पल्ला झाड़ने की कोशिश करते करते हुए तरह-तरह के बहाने पेश कर रहे हैं।
यूपी सिंचाई विभाग के जेई हरीश ने बताया कि गेट का लोहे का रस्सा टूटने से गेट बीच में तिरछा होकर अटक गया है। गंगा का जलस्तर कम होने पर गेट की मरम्मत कराई जाएगी। बैराज पर जल निकासी के 22 गेट स्थापित है। गंगा के जल नियंत्रण में गेट के कारण कोई परेशानी नहीं होगी।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के आला अधिकारियों का कहना है कि गेट पुराना हो चुका था तथा इसके बदलने की भी स्वीकृति मिल चुकी है लेकिन कांवड़ मेले में भारी यात्रा के चलते और भारी बारिश के कारण इसकी मरम्मत नहीं हो सकी। जोकि विभाग की घोर लापरवाही दर्शाता है यह काम तो कांवड़ मेले से और मानसून सीजन से पहले हो जाना चाहिए था।अब तो सिर्फ लीपापोती चल रही है।
सन 1984 में लगाये गये गेट अब जर्जर अवस्था में पहुंच गए हैं जिनको समय रहते कि कर लिया जाना चाहिए था परंतु विभाग आपदा से पहले आंख मूंदे बैठा रहा।
मौसम विज्ञान विभाग उत्तराखंड के निदेशक डॉ विक्रम सिंह ने बताया कि प्रदेश में सोमवार को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। मंगलवार को भी कहीं-कहीं बारिश की संभावना है 19 जुलाई के बाद बारिश में कमी आएगी।