उत्तराखंड में पिछले 5 दिन से हो रही मूसलाधार बारिश से जानमाल को बहुत नुकसान हो रहा है। वही सड़क और रेल मार्ग बाधित होने से आम आदमी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इस समय राज्य में चार धाम यात्रा चल रही है ,ऐसे में तमाम सड़कों के बंद होने से यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मूसलाधार बारिश का असर रेलवे ट्रैक पर भी पड़ा है हरिद्वार, रुड़की और लक्सर में रेलवे के ट्रैक पर पानी भर जाने से रेल यातायात भी बाधित हो गया है इसलिए दिल्ली से देहरादून आने वाली ट्रेनें रोक दी गई है। उत्तराखंड में आफत की बारिश का कहर अभी रुकता नजर नहीं आ रहा है मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 19 जुलाई तक भारी बारिश के अलर्ट के बाद शासन-प्रशासन समीक्षा करने में जुटा हुआ है की आपदा प्रभावितों को हरसंभव कैसे मदद की जाए।
पूरे राज्य में मुख्य मार्गो से लेकर अन्य ग्रामीण संपर्क मार्गों में लगभग 400 से अधिक मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस कहर बरपाती आपदा में अब तक 27 लोग काल के गाल में समा चुके हैं,और 27 घर मलबे के ढेर में बदल चुके हैं। इस आपदा को देखते हुए चार धाम यात्रा को रोकने का फैसला लिया गया है परंतु यात्रा करके जो लोग लौट रहे हैं वह मलबे के कारण रास्ता बंद होने से जगह-जगह फंसे हुए हैं। सबसे ज्यादा संकट बिजली और पानी पानी की आपूर्ति को लेकर आ रहा है। पौड़ी मार्ग भी सतपुली मार्ग पर भूस्खलन के कारण बंद है। चमोली में पातालगंगा के पास 90 मीटर सड़क मलबे के ढेर में बदल गई है जिससे यातायात बाधित हो गया है। पहाड़ों में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से काला पिंडर, मंदाकिनी, और गंगा जमुना सहित तमाम नदियां उफान पर हैं जिसका असर हरिद्वार रुड़की लक्सर में बाढ के रूप में देखने को मिल रहा है। वहीं रुड़की में सोनाली नदी में पानी का स्तर बढ़ जाने से रुड़की, हरिद्वार और लक्सर का बड़ा भूभाग बाढ़ की चपेट में आ गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री धामी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण करके स्थिति का जायजा ले रहे हैं, उन्होंने कहा कि यदि स्थिति और बिगड़ी तो सेना की मदद भी ली जाएगी।