प्रदेश में आपदाओं से बचाव के लिए अब कई जगहों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत सायरन सिस्टम लगाये जाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है। प्रथम चरण में इस प्रोजेक्ट के तहत 250 जगहों पर यह सिस्टम लगाया जाएगा।
यह प्रोजेक्ट उत्तराखंड में मल्टी हजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम के नाम से स्थापित किया जाएगा तथा इसके प्रथम चरण के लिए 118 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिली चुकी है। मुख्य सचिव एसएस सधु की अध्यक्षता में हुई उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में प्रोजेक्ट को स्वीकृति दी जा चुकी है। इस परियोजना को वर्ल्ड बैंक के द्वारा फंड दिया जा रहा है। अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसको लगाने के लिए ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे। इस परियोजना के लागू होने के बाद उत्तराखंड, केरल के बाद देश में दूसरा राज्य होगा, जो इस प्रणाली को अपनाने जा रहा है।मल्टी हजार्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम की खास बात यह है कि यह अलग- अलग आपदाओं में अलग-अलग प्रकार की ध्वनियां प्रसारित करेगा। नागरिकों को भी पहले से ही इन ध्वनियों के लिए कि किस आपदा में कैसी ध्वनि निकलेगी के बारे में समझाया जाएगा ताकि समय आने पर नागरिक समझ जाए कि उन्हें अपना बचाव किस प्रकार करना है।