रुद्रप्रयाग: ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर नरकोटा में हुए दर्दनाक हादसे के मामले में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया है। 20 जुलाई 2022 को नरकोटा में पुल निर्माण कार्य चल रहा था। इसी दौरान पुल की शटरिंग अचानक भरभराकर गिर गई। हादसा इतना गंभीर था कि मौके पर मौजूद दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि छह अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में कन्हैया लाल नामक मजदूर भी शामिल था।
इस घटना के बाद मृतक कन्हैया लाल के पिता वेदराम, निवासी शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर ज्योति प्रकाश शर्मा और इंजीनियर मुकेश गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी लापरवाही के कारण ही यह दुर्घटना हुई। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर विस्तृत जांच की। जांच पूरी होने के बाद 25 मई 2023 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया।
साढ़े चार साल का सश्रम कारावास
शनिवार को दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया। अदालत ने प्रोजेक्ट मैनेजर और इंजीनियर दोनों को लापरवाही से हुई मौत का दोषी मानते हुए चार साल छह माह का सश्रम कारावास सुनाया है। साथ ही, दोनों पर ₹11,500-₹11,500 का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। इस फैसले को श्रमिकों की सुरक्षा के लिहाज से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अदालत का यह निर्णय साफ करता है कि निर्माण कार्यों में यदि सुरक्षा मानकों की अनदेखी की जाती है और उसके चलते जान-माल का नुकसान होता है, तो जिम्मेदार अधिकारियों को कठोर दंड भुगतना होगा।