आपके प्रिय न्यूज़ पोर्टल ‘उत्तराखंड डिटेल’ की खबर का एक बार फिर जोरदार असर हुआ है। बीते 9 सितंबर को ‘उत्तराखंड डिटेल’ में एक खबर प्रकाशित की थी,
हरिद्वार जिले के रुड़की में दिल्ली से पहुंची पीपुल्स फॉर एनिमल की टीम ने वेनम सेंटर पर छापा मारा। टीम ने यहां से 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर प्रजाति के जहरीले सांप बरामद किए थे ,सभी सांपों को टीम अपने साथ ले गई है। हालांकि टीम को मौके पर वेनम सेंटर का संचालक नहीं मिला, सिर्फ केयर टेकर ही मिला। बताया जा रहा था कि वेनम सेंटर अवैध रूप से बिना अनुमति चलाया जा रहा था।
इस खबर का संज्ञान मेनका गांधी ने लिया है।
उत्तराखंड में अवैध रूप से सांपों को रखने और फिर इसके जहर का अवैध कारोबार करने का मामला पिछले कुछ दिनों से चर्चाओं में है। वैसे तो पहले ही हरिद्वार डीएफओ कार्यालय और राजाजी टाइगर रिजर्व प्रशासन इस मामले में संदेह के घेरे में है, लेकिन अब मेनका गांधी ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन को जो पत्र लिखा है, उसने तो पूरे सिस्टम को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है।बड़ी बात ये है कि मेनका गांधी ने जो पत्र लिखा है, उसमें हरिद्वार के डीएफओ और एसडीओ पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मेनका गांधी ने मुख्य सचिव आनंद वर्धन को पत्र लिखकर हरिद्वार के डीएफओ और एसडीओ को तत्काल निलंबित करने और उनकी संपत्ति की जांच कराने की मांग की है।
पिछले कई दिनों से लगातार अवैध रूप से विष केंद्र के संचालन की जानकारी डीएफओ हरिद्वार को दे रही थीं। इसके बावजूद डीएफओ हरिद्वार और एसडीओ ने इस केंद्र पर कार्रवाई करने से बचने की कोशिश की।
पत्र में लिखा गया है कि ‘डीएफओ हरिद्वार ने पहले इस केंद्र के राजाजी टाइगर रिजर्व के अधिकार क्षेत्र में होने की बात कही और फिर उनके फोन भी उठाने बंद कर दिए’ मेनका गांधी ने ये भी आरोप लगाया कि ‘जब राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक से संपर्क किया गया तो उन्होंने भी जिम्मेदारी हरिद्वार डीएफओ पर टाल दी’।
बड़ी बात ये है कि इस केंद्र पर जब छापेमारी की गई तो केंद्र का संचालक फरार हो गया और सांप का जहर भी बरामद नहीं हो पाया। एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट मेनका गांधी का आरोप है कि ‘इसकी वजह यही है कि वन विभाग ने पहले ही आरोपी को छापे की जानकारी दे दी थी।’
“इस मामले में जो पत्र हमें मिला है, उसके आधार पर संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव को यथोचित एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं.”- आनंद वर्धन, मुख्य सचिव, उत्तराखंड