देहरादून। दक्षिण अफ्रीका से लेकर भारत और उत्तराखंड में विवादों में घिरे गुप्ता ब्रदर्स (अतुल, राजेश और अजय) पर आखिरकार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी अपनी निगाह टेढ़ी कर ली है।
वर्ष 2018 में दक्षिण अफ्रीका से फरार होकर भारत पहुंचने के करीब 07 साल बाद म्यूचुअल लीगल असिस्टेंट रिक्वेस्ट (एमएलएआर) के तहत दक्षिण अफ्रीकी सरकार के आग्रह पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को गुप्ता ब्रदर्स पर ताबड़तोड़ छापेमारी की।
देहरादून, सहारनपुर, मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद समेत देश के विभिन्न स्थानों पर गुप्ता बंधु और उनसे जुड़े व्यक्तियों के ठिकानों पर यह छापेमारी की गई। देर रात तक जारी छापेमारी में बड़ी संख्या में बड़ी संख्या में दस्तावेज कब्जे में लिए गए।
ईडी के सूत्रों के अनुसार गुप्ता बंधु पर दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के साथ मिलकर सरकारी खजाने को 45 अरब रैंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) का नुकसान पहुंचाने का आरोप है।
इस मामले में उनके साथ वर्ल्ड विंडो ग्रुप के संचालक पीयूष गोयल का नाम भी जुड़ा है। गुप्ता बंधु और गोयल ने दुबई की जेजे ट्रेडिंग एफजेडई नाम की एक शेल (फर्जी) कंपनी के माध्यम से मनी लांड्रिंग की। यह कंपनी अहमदाबाद के राम रतन जगाती की बताई जाती है।
ईडी सूत्रों के अनुसार गुप्ता बंधु ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर दक्षिण अफ्रीका में तत्कालीन जैकब जुमा सरकार में कई घोटाले किए और वहां की सरकार को 45 अरब रैंड का नुकसान पहुंचाया।
लिहाजा, दक्षिण अफ्रीका सरकार ने ईडी के साथ समझौते को देखते हुए जांच का आग्रह किया था। इस तरह की जानकारी भी सामने आ रही है कि ईडी की टीम ने अहमदाबाद से राम रतन को गिरफ्तार कर लिया है।
देहरादून में ईडी ने गुप्ता बंधु के 07 कर्ज़न रोड स्थित आलीशान घर पर लंबी कार्रवाई की। देर रात तक टीम आवास पर डटी थी। दक्षिण अफ्रीका की जैकब जुमा सरकार में वर्ष 2018 में भ्रष्टाचार से भूचाल लाने वाले गुप्ता बंधु (अतुल, राजेश और अजय) पर करीब 07 साल बाद अब भारत में भी कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
तब भले ही जैकब जुमा की सरकार चली गई थी और गुप्ता बंधु किसी तरह भारत भाग आए थे, लेकिन अब फिर से उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।