देश में लगातार पक्षियों में बर्ड फ्लू के मामले सामने आ रही है। जिस कारण मीट व्यवसाईयों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है।
उधमसिंह नगर जिले के सितारगंज में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए रविवार को शक्तिगढ़ के एक पोल्ट्री फ़ार्म की 1708 मुर्गियों को मारकर गहरे गड्ढे में दफन कर दिया गया। यह कार्रवाई केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के अनुसार की गई है।
उधम सिंह नगर जिले में बर्ड फ्लू के मामले ने प्रशासन और पशुपालन विभाग में हड़कंप मचा दिया है। सितारगंज तहसील के शक्तिगढ़ स्थित एक मुर्गी फ़ार्म में बीते 21 अगस्त को बड़ी संख्या में मुर्गियों के मरने की सूचना मिली थी, जिसके बाद प्रशासन ने तत्काल जाँच के आदेश दिए।
पशुपालन विभाग की टीम ने मृत मुर्गियों के सैंपल लेकर उन्हें भोपाल स्थित राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान (NIHSAD) भेजा था। 23 अगस्त को आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने बिना देर किए कदम उठाए। रविवार को जिला प्रशासन, पशुपालन विभाग, और नगर निकाय की एक संयुक्त टीम ने पोल्ट्री फ़ार्म में पहुँचकर सभी 1708 मुर्गियों को वध कर दिया और उन्हें एक गहरे गड्ढे में दफन कर दिया। इसके बाद पूरे फ़ार्म को सैनिटाइज भी किया गया।
बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद, जिलाधिकारी ने अधिनियम की धारा-20 के तहत आदेश जारी कर पोल्ट्री फ़ार्म के एक किलोमीटर के दायरे को “संक्रमित क्षेत्र” और दस किलोमीटर की परिधि को “सतर्कता क्षेत्र” घोषित किया है। अगले तीन महीनों तक इस पूरे क्षेत्र में लगातार निगरानी और सैंपलिंग की जाएगी ताकि संक्रमण को पूरी तरह खत्म किया जा सके।
जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देश दिए हैं कि वे स्वास्थ्य और पशुपालन विभाग की संयुक्त टीमें बनाकर प्रभावित और आसपास के इलाकों में नियमित जाँच करें। साथ ही, स्थानीय मुर्गी पालकों को भी सतर्क रहने और किसी भी असामान्य स्थिति की सूचना तुरंत प्रशासन को देने के लिए कहा गया है। यह कदम बर्ड फ्लू के प्रसार को रोकने के लिए आवश्यक माना जा रहा है।