देहरादून। सिंचाई विभाग में मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी पाने वाली एक महिला कार्मिक के शैक्षिक दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। वर्तमान में वह प्रशासनिक अधिकारी पद पर कार्यरत है। अब सहायक अभियंता की तहरीर पर देहरादून की कैंट कोतवाली में महिला कार्मिक अंशुल गोयल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है।
पुलिस के अनुसार उत्तराखंड, जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग, यमुना कालोनी में प्रशासनिक अधिकारी पद तैनात महिला के शैक्षणिक प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर विभाग की ओर से कैंट कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
महिला अंशुल गोयल ने मृतक आश्रित के कोटे में वर्ष 2009 में नौकरी पाई थी। शिकायत के आधार पर उनके शैक्षणिक दस्तावेजों के जांच करवाई गई तो वह फर्जी पाए गए। जिसके बाद इंद्र सिंह सहायक अभियंता तृतीय अवस्थापना खंड उत्तरकाशी ने पुलिस को तहरीर दी।
तहरीर में कहा गया है कि अधिशासी अभियंता, अवस्थापना खंड उत्तरकाशी कार्यालय में पदस्थापित अंशुल गोयल, प्रशासनिक अधिकारी वर्तमान में उत्तराखंड जल संसाधन प्रबंधन और नियामक आयोग, यमुना कालोनी, देहरादून में संबद्ध है।
वर्ष 2009 में अंशुल गोयल की प्रथम नियुक्ति मृतक आश्रित के रूप में सिंचाई विभाग, उत्तराखंड में कार्यालय अधीक्षण अभियंता लखवाड़ व्यासी निर्माण मंडल-प्रथम, देहरादून में कनिष्ठ सहायक के पद पर की गई थी। इसके बाद अंशुल गोयल 30 जनवरी 2009 को कार्यालय अधिशासी अभियंता लखवाड़ बांध निर्माण खंड, चतुर्थ, देहरादून में कनिष्ठ सहायक के पद पर अपना योगदान दिया।
इस बीच विनीत अग्रवाल निवासी निंबूवाला गढ़ी कैंट ने अंशुल गोयल के विरुद्ध शैक्षिक प्रमाण पत्र (हाईस्कूल की अंकतालिका एवं प्रमाण पत्र) की जांच किए जाने के लिए पत्र लिखा। इस संबंध में मुख्य अभियंता (स्तर-2) सिंचाई विभाग, उत्तराखंड, देहरादून के कार्यालय ने 18 फरवरी 2025 को अंशुल गोयल, प्रशासनिक अधिकारी के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच करवाने के लिए जांच समिति का गठन किया। जो कि बाद में फर्जी पाए गए।