1800 से अधिक वोटों से जीते ग्यालू लाल का गोलमाल
लंबे समय से जिला पंचायत रुद्रप्रयाग सदस्यों के चुनाव को लेकर विवाद चल रहा है।
बहुत दिनों से ‘काली स्याही ‘ को लेकर मामला सुर्खियों में है।
दरअसल बीते 14 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर निर्वाचन होना था।
रुद्रप्रयाग जिला पंचायत में 18 सदस्य हैं।
9 भाजपा के थे 9 कांग्रेस के।
दोनों पार्टी को बराबर बहुमत था, मामला बराबरी का देखते हुए भाजपा ने कथित तौर पर चालाकी
खेली गई और कांग्रेस का वोट उनकी पार्टी में पडते हुए होने के बावजूद भी निरस्त होना स्वीकृत कराया।
आपको समझा दें कि जिला पंचायत सीट बांगर से कांग्रेस प्रत्याशी ने काले पेन से ‘1’ टिक किया है। जबकि राज्य निर्वाचन आयोग के तहत नीले पेन के प्रयोग किया जाना चाहिए था।
मतगणना के दिन वह मत पत्र निरस्त हुआ है। भाजपा-कांग्रेस 9-9 की बढ़त पर थी। लेकिन वह वोट निरस्त होने के कारण भाजपा समर्थित प्रत्याशी जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा काबिज हुई है।
अब सवाल कांग्रेस प्रत्याशी पर उठ रहे हैं।
इसको लेकर कांग्रेस प्रत्याशी जिला पंचायत रुद्रप्रयाग कार्यालय के बाहर धरने पर भी बैठे।
अब ऐसे में बड़ा सवाल उठाने तय है कि ग्यालू लाल ने यह जानबूझकर किया है या अनजाने में। मामला चाहे कुछ भी हो लेकिन उक्त जिला पंचायत सदस्य का राजनीतिक भविष्य अधर में दिख रहा है।