उत्तराखंड उच्च न्यायालय में क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के चुनाव में दो जगह वोटर लिस्ट वाले प्रत्याशियों के प्रतिभागी संबंधी अलग अलग याचिकाओं में न्यायालयों ने सभी चुनांव याचिकाओं को 6 माह के भीतर निस्तारित करने का निर्णय लिया।
न्यायालय ने इस सम्बंध में रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपल एक्ट(Representation Of People Act)की धारा 86 के तहत उत्तराखण्ड पंचायतीराज अधिनियम 2016 की चुनाव याचिकाओं को निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए हैं।
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि 6 माह के भीतर सभी चुनावी याचिकाओं में न्यायालय अपना फैसला देगी। इससे ये स्पष्ट हो जाएगा कि दो जगहों की वोटर लिस्ट में शामिल व्यक्ति चुनांव जीतकर अगर आते हैं तो वो प्रत्याशी अपने पद पर बने रहेंगे या नही ? उन्हें जिला पंचायत चुनावों में वोट देने का अधिकार है या नही ?
आपकों बता दे कि पौड़ी गढ़वाल की दीक्षा नेगी, टिहरी गढ़वाल की नीरू चौहान, गंगा देवी, त्रिलोक भट्ट, अजय कांस्वाल, वर्षा चौहान व अन्य ने उच्च न्यायालय में चुनांव याचिका दायर कर कहा कि वो अपने अपने क्षेत्रों में ऐसे ही प्रत्याशियों से चुनांव हारे हैं, जिनका नाम 2 जगहों की वोटर लिस्ट में अंकित है।
याचिका में कहा गया है कि यदि कल 14 अगस्त को होने वाले जिलाध्यक्ष के चुनांव में ये लोग वोटिंग में भाग लेते हैं, तो उनके वोट व्यर्थ जाएंगे।